Menu
blogid : 2541 postid : 135

सशक्त युवा -सशक्त भारत………. छात्र शक्ति-राष्ट्र शक्ति!!

राकेश मिश्र कानपुर
राकेश मिश्र कानपुर
  • 361 Posts
  • 196 Comments

[slideshow]

आज़ादी क्या तीन थके हुए रंगों का नाम है जिन्हें एक अकेला पहिया ढोता है..या आज़ादी का कोई और मतलब भी होता है?

मै एक भारतीय युवा हूँ जिसे देश के हालातों की फिक्र है…मेरे चिंतन और आलोचना को  कुछ लोग इसे मेरी ऋणात्मक प्रवृत्ति मानते हैं, लेकिन यह उनका व्यक्तिगत विचार है.. और मेरा सौभाग्य भी की उन्होंने मेरे व्यक्तित्व को अपने संज्ञान के लायक समझा. लेकिन देश की समस्याएं सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, यह सामूहिक प्रयास का विषय है…आशा है आप लोग इसे एक सार्थक चिंतन से लक्ष्य प्राप्ति की तरह से अपनाएंगे.

देश की स्वस्थ राजनीति के लिए वीर और विचारक चाहिए…बिना रीढ़ वाले लालची  जानवर नहीं.
दो उद्देश्यों के साथ हम एक राष्ट्रव्यापी शांत अभियान चला रहे हैं..
१. शिक्षा गुणवत्ता सुधर कार्यक्रम, (प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए.) (Education Quality Improvement Programme )
साक्षरता नहीं शिक्षा की गुणवत्ता सुधार एवं मूल्य आधारित शिक्षा और  तकनीकी शिक्षा से देश का विकास (इस कार्यक्रम के तहत हम विद्यालयों, महाविद्यालयों में देश के वर्तमान वास्तविक स्वरुप और उके लिए सम्यक सक्रियतावाद का पुनर्स्थापन को प्रथम चरण मान कर हम वहां पर विभिन्न प्रकार के शैक्षिक और सक्रिय सामाजिक विमर्श मंच बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं.  इससे विषयपरक श्रेष्ठता और अनुसन्धान जैसी गतिविधियों को प्राप्त कर रहे हैं… पुनर्नव भारत के लिए नेतृत्व प्रतिभा विकास इसका एक प्रमुख उद्देश्य है. अभी तक के प्रयास में  छात्रों के  उत्साह और उनके सहयोग ने हमारा  मनोबल बढाया है.. )
इसके लिए आप जैसे स्वतंत्र विचारकों के  की आवश्यकता एवं देश, काल और परिस्थितियों  पर आप लोगों का दृष्टिकोण   हमारा मार्गदर्शन है.
२. सम्पूर्ण एवं समग्र विकास के लिए ग्राम स्वराज  या लोक सेवक संघ(Regional Resource Forum ) की अवधारणा
आपको तो अंदाजा होगा ही बढ़ाते शहरीकरण से उत्पन्न या जनसँख्या का असमान वितरण /असंतुलन देश के लिए कितना घातक है, इस प्रकार से विकास की परिभाषा बदल जाने से देश की क्या हालत हुई है. इस प्रकार के विकास की अवधारणा के अमूल-चुल परिवर्तन के लिए लोक सेवक संघ जैसे स्थायी विकल्पों और उसके लिए आवश्यक रणनीतियों पर आपके चिंतन और मार्गदर्शन के बिना हमारा प्रयास अपूर्ण है..
 ग्लोबलाइजेशन, विनिवेश और लिबेरलाइजेशन के इस दौर में देश कि वर्तमान दशा में विश्व-राजनैतिक परिदृश्य (Geopolitical) का हस्तक्षेप और षड्यंत्रों से देश के अल्पज्ञानी जनमानस के हितों   की  सुरक्षा  हेतु  आप जैसे विचारकों  से मार्गदर्शन  वांछनीय है.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh