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ठलुआई ही विज्ञान है*

राकेश मिश्र कानपुर
राकेश मिश्र कानपुर
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आइये आपको इस ठलुआ शब्द से परिचय कराते हैँ

ठलुआ एक महान कार्य क्षेत्र है

जहाँ लोग अपने सारे जरुरी कामोँ को छोड़कर इस क्षेत्र का रुख करते हैँ

इस क्षेत्र मे मनुष्य के अन्दर से छल कपट की भावना समाप्त हो जाती है

ठलुआई करते हुये लोगो के अन्दर के सारे गम खो जाते है वो किसी दूसरे संसार मे खो जाते हैँ ठलुआ हमेशा खुश रहते है वो हर पल मुस्कुराकर जीते है

उन्हे न खुद की फिक्र न कल की चिन्ता बस इस लम्हे को जीना उनकी फितरत है

*ठलुआपन मेँ भी बहुत बड़ा ज्ञान है

ठलुओँ ने ही किया आविष्कार है

एक ठलुआ के कारण ही रात को मिलता प्रकाश है

ठलुये ने ही उड़ाया आकाश मेँ जहाज है

ठलुओँ से ही विकसित विज्ञान है

ठलुआपन ही विकास है

ठलुआई ही विज्ञान है*

“Thalua means it stands for a person who is always free have opinion on any subject under the sky. Who always justifies his Nikammapan and is always serious in his acts of stupidity.”

रसखान जी ने भी ठलुओँ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये लिखा है,

‘मानुष होँ तो वही रसखान

जो बैठे भोर ही नन्द के द्वारे’

आज हम एक सुई भी अपनी सोच से नहीँ बना पा रहे

नकल करना हमारी आदत बन गई है

हम सही गलत इंसान मेँ फर्क करना भी भूल गये

हम आंख बंदकर अनुसरण करने के आदी हो गये है

तो आईये ठलुआई करते हुये कुछ नया सोचे

शोध करे…

सभी सम्मानीय सदस्यगण मित्रदान करना न भूलेँ

ठलुआ क्लब फेसबुक से साभार

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